भोपाल में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में प्राइवेट स्कूल का मालिक गिरफ्तार, पुलिस ने 2 सप्ताह बाद की करवाई

Bhopal News: मध्य प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को भोपाल में एक प्राइवेट स्कूल के मालिक को हॉस्टल परिसर में 8 साल की लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में दो सप्ताह बाद गिरफ्तार कर लिया है।

सोमवार को बलात्कार पीड़िता ने मिनीराज मोदी की पहचान की, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जानकारी दी कि उन्होंने एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर प्रकाश राजपूत को भी हिरासत में लेकर ससपेंड कर दिया है, जिसने नाबालिग लड़की की मां पर बलात्कार की शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला था।

Bhopal शहर (जोन 2) की DCP (डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस) श्रद्धा तिवारी ने बताया कि नाबालिग लड़की द्वारा मोदी की पहचान करने के बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने सोमवार को मोदी को गिरफ्तार कर लिया। तिवारी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि मोदी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है। मेडिकल टेस्ट के बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा।

‘पुलिस ने FIR वापस लेने को कहा’

इस बीच, लड़की की मां ने दावा किया कि पुलिस आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। महिला ने कहा कि पुलिस ने उसका दो बार मेडिकल टेस्ट कराया और मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान भी दर्ज किया, साथ ही कहा कि प्रकाश राजपूत ने मामला दर्ज न करने के लिए उस पर दबाव डाला। लड़की की मां की शिकायत के आधार पर 30 अप्रैल को मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

महिला ने बताया, “मेरी बेटी के साथ अप्रैल के आखिरी सप्ताह में बलात्कार किया गया था। मुझे 29 अप्रैल को तब पता चला जब उसने एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के सामने अपनी आपबीती सुनाई। डॉक्टरों ने भी बलात्कार और प्राइवेट पार्ट्स में चोट बताई है, लेकिन प्रकाश राजपूत अस्पताल आए और मामला दर्ज न करने के लिए मुझ पर दबाव डाला।”

FIR में बातें क्लियर नहीं: DCP

मां ने कहा, पुलिस ने एक और मेडिकल टेस्ट किया और अपनी राय देने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया, हालांकि अस्पताल के डॉक्टरों ने बलात्कार की पुष्टि की थी। बाद में, पुलिस ने काउंसलिंग सेशन भी आयोजित किया और चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी) ने दो दिनों तक काउंसलिंग की। उन्होंने आगे कहा, “मेरी बेटी सिर्फ 8 साल की है और पहले से ही सदमे में है लेकिन पुलिस के इस रवैये ने उसे मानसिक रूप से और परेशान कर दिया है।”

डीसीपी तिवारी ने कहा कि FIR में बातें क्लियर नहीं हैं। “पहले मेडिकल टेस्ट में, डॉक्टरों ने स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) से कंसल्ट कराने की बात की, बाद में, एक मेडिकल बोर्ड बनाया गया। बीच में काउंसलिंग के लिए सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया गया। काउंसलिंग के दौरान सीडब्ल्यूसी के सामने बयान दर्ज होने के बाद, लड़की को संदिग्धों को दिखाया गया और उसने फिर आरोपियों की पहचान की।

मोदी ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उसके खिलाफ साजिश की गई है। FIR में हॉस्टल वार्डन समेत 3 लोगों पर आईपीसी की धारा 376, बलात्कार और यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Leave a Comment

Exit mobile version