Dog Vaccination: भारतीय घरों में सबसे ज्यादा पेट एनिमल कुत्ते होते हैं क्योंकि ये बफादार होते हैं और घर की देखभाल कर सकते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हम इन्हें पालतू बना तो लेते हैं लेकिन इनकी देखभाल करने में पीछे रह जाते हैं।
हमें अक्सर इनकी वैक्सीन के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है, जिस वजह से कुत्तों के साथ साथ हमें भी परेशानी उठानी पड़ती है। आईये इस आर्टिकल में इससे जुड़ी सारी बातें जानते हैं।
कुत्तों को वैक्सीन लगवाना जरुरी
कुत्तों के वैक्सीनेशन(Dog Vaccination) की पूरी चैन 6-8 हफ्ते की उम्र से शुरू हो जाती है और इसे 12-16 महीने की उम्र के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। जिसके बाद बूस्टर खुराक लगना शुरू होता है। पालतू जानवरों से सबसे ज्यादा इंफेक्शन का खतरा रहता है, विशेष रूप से बच्चों में। इसलिए हम सभी को सावधानियां बरतनी चाहिए। उनके सोने की जगह, खाने के बर्तन को हमेशा अलग ही रखना चाहिए।
कुत्तों को लगने वाली वैक्सीन का उद्देश्य उनके इम्यून सिस्टम को बढ़ाना और मजबूत करना है। ताकि अगर किसी कुत्ते को कुछ बीमारी हो है, तो उसका इम्यून सिस्टम इसे भांप ले और इससे लड़ने के लिए तैयार रहे। अमेरिकन एनिमल हॉस्पिटल एसोसिएशन की कैनाइन टास्क फोर्स डॉग वैक्सीनेशन के इन टीकों को जरूरी मानती है।
- कैनाइन परवोवायरस
- लेप्टोस्पाइरोसिस
- बोर्डेटेला
- कैनाइन इन्फ्लुएंजा (डॉग फ्लू)
- कैनिन डिस्टेम्पर
- हेपेटाइटिस
- रेबीज
- लाइम वैक्सीन
कुत्तों का वैक्सीनेशन शेड्यूल (Dog Vaccination Schedule)
6 से 7 हफ्ते: बोर्डेटेला, डीएचपीपी
9 से 10 हफ्ते: बोर्डेटेला, डीएचपीपी, लेप्टोस्पायरोसिस
12 से 13 हफ्ते: डीएचपीपी, कैनाइन इन्फ्लुएंजा, लाइम रोग, लेप्टोस्पायरोसिस
15 से 17 हफ्ते: डीएचपीपी, कैनाइन इन्फ्लुएंजा, रेबीज, लाइम रोग
कुत्ते की डिवोर्मिंग करना भी जरूरी?
कुत्तों के पेट में कीड़े बहुत जल्दी पनपते हैं जिससे वे बीमार भी हो जाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे इंसानों के पेट में कीड़े पैदा हो जाते हैं। कुत्ते मल और मिट्टी के संपर्क मे ज्यादा आते हैं। कीड़ों से कुत्तों को कई तरह की बीमारियां होने लगती है। कुत्तों को कीड़े मारने की दवा देकर कीड़ों से छुटकारा दिलाने को ही डीवोर्मिंग कहते हैं।
कुत्ते की डिवोर्मिंग कब कराएं?
3 महीने के छोटे कुत्ते को हर 15 दिन में डिवोर्मिंग करवानी चाहिए।
3-6 महीने के कुत्ते के लिए हर महीने में डिवोर्मिंग करवानी चाहिए।
6-12 महीने के कुत्ते के लिए हर 2 महीने में डिवोर्मिंग करवानी चाहिए।
1 साल की उम्र के बाद हर 3 महीने में डिवोर्मिंग करवाई जानी चाहिए।
Note: वैक्सीन लगवाने के बाद कुत्तों को उल्टी, बुखार, दस्त, मुंह में सूजन जैसे साइड इफैक्ट हो सकते हैं। इससे बचने के लिए टीका लगने के बाद कुत्ते को आसानी से पचने वाला खाना देना चाहिए। इसके साथ एक हफ्ते तक उन्हें नहलाना नहीं चाहिए।