अभिनेता से राजनेता तक का सफर, जानिये चिराग पासवान के करियर, नेट वर्थ और जीवन से जुड़ी 10 अनसुनी बातों के बारे में

Chirag Paswan: 9 जून को राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी ने अपने 72 कैबिनेट मंत्रियों के साथ तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह कांग्रेस के दिग्गज नेता जवाहरलाल नेहरू के बाद पहले शख्स हैं, जो 3 बार प्रधानमंत्री बने हैं। इस बीच हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि Chirag Paswan ने भी मोदी कैबिनेट 3.0 में मंत्री पद हासिल किया। एक समय में फिल्म अभिनेता रहे पासवान के लिए राजनीती में पहचान बनाकर केंद्रीय मंत्री बनना एक बड़ी ऊंचाई है।

हाजीपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित चिराग पासवान ने 6.14 लाख वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की और RJD प्रतिद्वंद्वी को 1.7 लाख से अधिक वोटों से हराया। लोकसभा चुनाव उनके राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण पढ़ाव साबित हुआ, जिसने बिहार और राष्ट्रीय मंच पर एक प्रमुख नेता के रूप में उनके उभरने में मदद की।

हाजीपुर सीट पासवान के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि वो उनके पिता दिवंगत राम विलास पासवान की जगह खड़े हुए थे, जिन्होंने साल 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की स्थापना की थी। उनकी यह जीत विशेष रूप से ख़ुशी के लायक है क्योंकि हाजीपुर का प्रतिनिधित्व उनके दिवंगत पिता और बिहार के सबसे बड़े दलित नेता राम विलास पासवान ने 8 बार किया था। एक बार फिर चिराग के नेतृत्व में, लोक जनशक्ति पार्टी शानदार प्रदर्शन करते हुए बिहार में लड़ी और सभी 5 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की।

शुरुआती जीवन और शिक्षा (Chirag Paswan Education)

चिराग कुमार पासवान का जन्म 31 अक्टूबर 1982 को खगड़िया, बिहार में हुआ था। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राम विलास पासवान और रीना पासवान के बेटे हैं। चिराग की प्रारंभिक शिक्षा 2003 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग, दिल्ली में हुई। बाद में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, झाँसी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बी-टेक किया।

हालाँकि, उन्होंने 2005 में अपने तीसरे सेमेस्टर के दौरान पढ़ाई छोड़ दी। अपनी डिग्री पूरी न करने के बावजूद, चिराग की शिक्षा ने उनके विश्लेषणात्मक और लीडरशिप स्किल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

राजनीतिक सफर

Chirag Paswan पासवान की राजनीतिक यात्रा 2014 में शुरू हुई जब वह जमुई से 16वीं लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने सुधांशु शेखर भास्कर को बड़े अंतर से हराया। इस कार्यकाल के दौरान, वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर स्थायी समिति, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति और संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं (MPLADS) पर समिति के साथ अलग-अलग समितियों के सदस्य थे।

2019 में, चिराग ने जमुई निर्वाचन क्षेत्र से फिर से लोकसभा चुनाव लड़ा और RLSP के भूदेव चौधरी को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। इस बीच उन्होंने कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति और सामान्य प्रयोजन समिति के साथ कई महत्वपूर्ण समितियों में कार्य किया और उसी साल बाद में, उन्हें एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया। अब चिराग ने 9 जून को कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ ली है।

चिराग का राजनीति में आना एलजेपी के लिए अच्छा साबित हुआ। उन्होंने 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने पिता को उस साझेदारी को फिर से शुरू करने के लिए मनाया जो 2002 में गुजरात दंगों के बाद टूट गई थी। उस समय चिराग के कामों ने एलजेपी को जीवनदान दिया, और 2009 में 0 से 2014 में 6 सीटें दिलवाई। 2019 के लोकसभा चुनाव में, एलजेपी ने जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) और भाजपा के साथ गठबंधन में रहकर 6 सीटों पर जीत हासिल की।

चिराग से जुड़ी 10 ख़ास बातें (10 Facts About Chirag Paswan)

  1. Chirag Paswan ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है।
  2. चिराग एक NGO के भी मालिक हैं, जिसका नाम – चिराग पासवान फाउंडेशन है।
  3. राजनीती में कदम रखने से पहले चिराग बॉलीवुड अभिनेता थे।
  4. 2011 में, उन्होंने हाल ही में निर्वाचित संसद सदस्य कंगना रनौत के साथ फिल्म “मिले ना मिले हम” से अपने बॉलीवुड करियर का डेब्यू किया था। हालांकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, जिसकी वजह से चिराग ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ 2012 में राजनीति में कदम रखा।
  5. उन्हें ‘Superstar of Tomorrow-Male‘ केटेगरी में स्टारडस्ट अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था।
  6. 2010 में, चिराग ने एक ऐसी पार्टी पर कब्ज़ा कर लिया था जो ख़त्म हो चुकी थी और विधानसभा चुनावों में केवल 3 सीटें जीत सकी थी।
  7. 2014 में, चिराग जमुई से 16वीं लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने राजद के सुधांशु शेखर भास्कर को 85 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
  8. चिराग ने कहा था कि NDA में शामिल होना एक मजबूरी थी, क्योंकि कांग्रेस ने उनकी पार्टी को ‘अपमानित’ किया था।
  9. सांसद के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान चिराग ने जमुई क्षेत्र में विकास के कई कार्य किए। उनमें एक केंद्रीय विद्यालय, एक मेडिकल कॉलेज, उनके द्वारा गोद लिए गए गांव तक सड़क पहुँचाना और एक नई रेलवे लाइन शामिल है।
  10. इलेक्शन कमीशन (EC) को सौंपे गए एफिडेविट के अनुसार, सांसद चिराग पासवान की कुल संपत्ति(Chirag Paswan Net Worth) 2.68 करोड़ है। इसमें उनकी 1.66 करोड़ की चल संपत्ति और ₹1.02 करोड़ की अचल है।

निष्कर्ष

हाल के चुनावों में NDA गठबंधन में पार्टी को मिली सभी 5 लोकसभा सीटें जीताकर, चिराग ने अपना 100% स्ट्राइक रेट बनाए रखा। चिराग ने अपने विरोधियों को चुप करा दिया है, और उनका नेतृत्व तब और मजबूत हो गया जब शुक्रवार को उनके दिल्ली आवास पर एक नाटकीय बैठक में उन्हें एलजेपी संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया, साथ ही उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया है। अब देखना ये होगा कि ये पूर्व बॉलीवुड एक्टर और वर्त्तमान राजनेता जनता के बीच अपनी कैसी छाप छोड़ता है।

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