India Weather Update: दिल्ली को इस सप्ताह में ‘रेड’ लू की चेतावनी में रखा गया है क्योंकि उत्तर भारत के कुछ हिस्से 46 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा की गर्मी में तप रहे हैं। राजधानी में जीवन थम गया है, जहां जो लोग छिप सकते हैं, वे अंदर छिप गए।
ठेले पर कोल्ड ड्रिंक बेचने वाले 28 साल के प्रवीण कामथ ने शिकायत की कि इतनी गर्मी है कि वह बाहर खड़े होने में भी कठिनाई हो रही है। लेकिन मुझे काम करना होगा। मैं क्या कर सकता हूँ? मैं गरीब हूं इसलिए मुझे यह करना होगा।”
तापमान पहुंचा 47.8C तक
भारत का मौसम विभाग तब रेड अलर्ट जारी करता है जब लोगों में गर्मी से होने वाली बीमारी या स्ट्रोक की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। रविवार को दिल्ली के नजफगढ़ जिले में तापमान 47.8C दर्ज किया गया, जो इस सीजन में भारत में सबसे ज्यादा है। पास के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी तापमान बहुत बढ़ गया है।
दिल्ली में 57 साल के रिक्शा चलाने वाले सतीश कुमार ने कहा कि गर्मी के कारण उनको काम में दिक्कत हो रही है। “लोग बाहर नहीं आ रहे हैं, बाज़ार लगभग खाली हैं।” भारत में 6 सप्ताह तक चलने वाले आम चुनाव के बीच में, वोटर्स पर हाल की गर्मी के प्रभाव के बारे में चिंताएं हैं, जिन्हें लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ता है।
मतदान प्रतिशत में आई गिरावट
ऐसा लग रहा है कि मतदान प्रतिशत में गिरावट आई है, मई की शुरुआत में दूसरे चरण में केवल 63 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया, जो अप्रैल में पहले चरण में 66 प्रतिशत मतदान से कम है। पिछले महीने महाराष्ट्र राज्य में एक चुनावी रैली को संबोधित करते समय एक मंत्री गर्मी के कारण बेहोश हो गये थे।
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी 25 मई को शहर में होने वाले मतदान से पहले शनिवार को दिल्ली में रैलियां करने से बिलकुल नहीं हिचकिचाए।
गर्मियों के महीने – अप्रैल, मई और जून, में भारत के अधिकांश हिस्से हमेशा गर्म होते हैं। इन महीनों के बाद जब मानसून की बारिश शुरू होती है, तब तापमान ठंडा हो जाता है। लेकिन पिछले दशक में गर्मी और ज्यादा बढ़ गई है और आमतौर पर पानी की गंभीर कमी हो गई है. भारत के 1.4 बिलियन लोगों में से लाखों लोगों के पास पानी की कमी है।
45 गुना ज्यादा हुई गर्मी
वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (World Weather Attribution), एक अकादमिक समूह जो ज्यादा गर्मी के सोर्स की जांच करता है। उन्होंने एक रिसर्च में पाया कि अप्रैल में एशिया के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना जलवायु परिवर्तन के कारण महाद्वीप के कुछ हिस्सों में कम से कम 45 गुना ज्यादा हो गई थी।
जलवायु एक्सपर्ट का कहना है कि प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान साउथ एशिया में ज्यादा गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है और रिसर्च में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस क्षेत्र में अत्यधिक तापमान अब लगभग 0.85 C अधिक गर्म है।
हीटवेव के दौरान 11,000 लोगों की मौत
अप्रैल में बांग्लादेश में गर्मी से संबंधित कम से कम 28 मौतें हुईं, साथ ही भारत में 5 मौतें हुईं। रिसर्च के अनुसार, इस साल थाईलैंड और फिलीपींस में भी गर्मी से होने वाली मौतों में वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में अत्यधिक तेज गर्मी से एक स्वास्थ्य संकट बनती जा रही है, पिछले साल हीटवेव के दौरान 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
सरकार का अनुमान है कि इस सदी में हीटवेव के दौरान लगभग 11,000 लोगों की मौत हुई है, फिर भी एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे आंकड़े संभवतः बहुत कम हैं।