भारत के खिलाफ बोलने पर साथ हुआ रूस, कहा – भारत के आतंरिक मामलों में दखल दे रहा अमेरिका

India-Russia Relations: भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के केस में अब भारत के साथ रूस भी साथ हो गया है। Russia ने अमेरिका के दावों को गलत ठहराया है और इसे भारत के लिए अपमान के तौर पर बताया है।

इसके साथ Russia ने अमेरिका पर ‘भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के भी आरोप लगाए हैं। पिछले साल नवंबर में अमेरिका के संघीय अभियोजकों (Federal Prosecutors) ने भारत के नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाए थे। हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट के द्वारा पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार, पन्नू की मौत की साजिश में RAW के सदस्यों के शामिल होने के बारे में बात लिखी थी।

India Russia Relation

भारत का सम्मान नहीं कर रहा अमेरिका- Russia

रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका अब भारत की आंतरिक पॉलिटिकल स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वॉशिंगटन में भारत के इतिहास और राष्ट्रीय मानसिकता की समझ की कमी है, क्योंकि अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति बिना सोचे-समझे आरोप लगाता जा रहा है।

वॉशिंगटन में चल रही गतिविधियां से साफ़ समझ आता है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। क्योंकि कोई सबूत नहीं है तो वे ये स्वीकार नहीं करेंगे। वे बड़े तौर पर भारत का सम्मान नहीं कर रहे हैं।” Russia के अधिकारी ने अमेरिका पर और भी कई देशों पर बेबुनियाद आरोप लगाने पर बात की है।

America Joe Biden

गुरपतवंत सिंह पन्नू केस

गुप्ता पर पन्नू को मारने के प्लान का हिस्सा होने के आरोप लगे थे। बड़ी बात ये है कि पन्नू भारत में वॉन्टेड है लेकिन उसके पास कनाडा के साथ साथ अमेरिका की भी नागरिकता है। यहां, वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट्स में बताया गया था कि पन्नू को मारने के प्लान में RAW के सदस्य भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, RAW के अधिकारी विक्रम यादव ने उसे मारने के लिए कुछ लोगों की एक टीम तैयार की थी।

आरोप लगने के बाद भारत ने बड़े लेवल पर जांच कमेटी बना दी थी। अमेरिका ने इस सप्ताह ही कहा कि वह इस केस में भारतीय जांच कमिटी के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका फॉरेन विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया था कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और हमें लगता है कि वे भी इसे गंभीरता से ले रहे होंगे। हालांकि, भारत ने वॉशिंगटन पोस्ट के दावों को गलत ठहराया था।

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