भारत के सबसे लंबे केबल-धारित पुल सुदर्शन सेतु की 11 मुख्य विशेषताएं
Bulletin Samachar
सुदर्शन सेतु भारत का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज है, जिसकी लंबाई 2.32 km है।
इस पुल का निर्माण लगभग ₹980 करोड़ की लागत से किया गया है, जो देश के बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण निवेश है।
फोर लेन वाला यह केबल-स्टे ब्रिज ओखा मुख्य भूमि को बेयत द्वारका द्वीप से जोड़ता है।
इसकी कुल चौड़ाई 27.2 मीटर (89 फीट) है, जिसमें प्रत्येक दिशा में दो लेन हैं।
पुल के दोनों ओर के फुटपाथ, जो 2.5 मीटर (8 फीट) चौड़े हैं, श्रीमद् भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजाए गए हैं।
फुटपाथ के किनारों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं जिनकी क्षमता एक मेगावाट बिजली उत्पादन की है।
सुदर्शन सेतु श्रद्धालुओं और पर्यटकों की यात्रा समय को कम करने का उद्देश्य रखता है और द्वारका में प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने के लिए त्यार है।
इस सेतु का निर्माण तीर्थयात्रियों के सामने आने वाली परिवहन समस्याओं को हल करने के लिए बने गया है, जिससे बेयत द्वारका तक पहुँचना आसान और सुविधाजनक हो जाता है।
इस सेतु का निर्माण तीर्थयात्रियों के सामने आने वाली परिवहन समस्याओं को हल करने के लिए बने गया है, जिससे बेयत द्वारका तक पहुँचना आसान और सुविधाजनक हो जाता है।
पहले श्रद्धालु द्वीप तक पहुंचने के लिए नावों पर निर्भर थे, जिससे उनकी यात्रा केवल दिन के समय सीमित थी।
सुदर्शन सेतु बेयत द्वारका द्वीप पर लगभग 8,500 निवासियों और क्षेत्र के मंदिरों में आने वाले लगभग 20 लाख तीर्थयात्रियों को समायोजित करना है।